Myanmar में 18 प्रदर्शनकारियों की मौत
म्यांमार में रविवार को सैन्य तख़्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिससे कम से कम 18 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और 30 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं.
-Khidki Desk
म्यांमार से आ रहे विडियोज़ में देखा जा सकता है कि किस तरह रविवार का दिन सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के लिए अब तक का सबसे ख़ूनख़राबे वाला दिन रहा है जिसमें 18 प्रदर्शनकारियों की पुलिस की गोली से मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
बीते तक़रीबन एक महीने से सैन्यतख़्तापलट के ख़िलाफ़ उबल रही म्यामार के शहरों की सड़कों में पुलिस ने गोलियों और आंसूगैस के गोलों की बरसात की, जिससे बचने के लिए प्रदर्शनकारियों में अफ़रा तफ़री मच गई. और लोग इधर उधर भागने लगे.
इधर दुनियाभर के नेताओं ने म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर हुई इस जानलेवा हिंसा के लिए म्यांमार में तख़्तापलट करने वाले सैन्य प्रशासन की निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुटरेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ''शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जानलेवा बल का प्रयोग और मनमानी ग़िरफ़्तारियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.''
गुटरेस ने अपील की है कि म्यांमार की सेना को स्पष्ट संदेश देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को साथ आना चाहिए कि उसे चुनावों के ज़रिए जाहिर की गई म्यांमार के लोगों की इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए और दमन को एकदम रोक देना चाहिए.
इधर, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने रविवार को हुए खूनी दमन को तख्तापलट के विरोध में की जा रही रैलियों का सबसे घातक दिन बताया है. म्यांमार के कई शहरों जैसे रंगून, दवेई और मंडाले में भी लोगों के मारे जाने की ख़बरें आ रही हैं क्योंकि पुलिस की ओर से गोलियां और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया है.
सुरक्षाबलों ने बीते 1 फ़रवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद कई हफ्तों तक चले शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के बाद शनिवार से हिंसक बल प्रयोग करना शुरू किया है. सोशल मीडिया पर जारी वीडियो फुटेज में पुलिस के हमला बोलते ही प्रदर्शनकारी भागते दिख रहे हैं. कई सड़कों पर फौरी तौर पर बनाए गए रोडब्लॉक नजर आ रहे हैं और कई लोग खून में लथपथ ले जाए जाते दिख रहे हैं.
Assistance Association for Political Prisoners के मुताबिक अब तक 854 लोगों को ग़िरफ़्तार किया जा चुका है. इन पर तख़्तापलट करने की कोशिश से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा 771 लोगों को हिरासत में रखा गया है. ग्रुप के मुताबिक हाल में 75 नई ग़िरफ़्तारी हुई हैं.
शनिवार को रंगून और अन्य जगहों से सैकड़ों लोगों को उठाया गया है.
इधर रविवार को देश के सैन्य शासकों ने संयुक्त राष्ट्र के लिए अपने राजदूत क्यॉ मो तुन को, इसलिए निकाल बाहर किया है क्योंकि उन्होंने संयुक्तराष्ट्र से अपील की थी कि वह कुछ भी करके सैन्य तख़्तापलट को असफल करने के लिए प्रभावी क़दम उठाए.