'Black Lives Matter!' : दुनिया भर में गूंज
इस बीच अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के ख़िलाफ़ उभरे इस आंदोलन का असर आगामी चुनावों पर सीधे तौर पर महसूस किया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प प्रदर्शन कारियों के ख़िलाफ़ सेना के इस्तेमाल के अपने बयान को लेकर काफ़ी आलोचना झेल रहे हैं.
-Khidki Desk

दुनिया भर के अलग अलग हिस्सों में ज्यॉर्ज फ्लॉइड की हत्या के बाद उभरे नस्लवाद विरोधी आंदोलनों के नारों की गूंज छाई हुई है.
'Black Lives Matter!'
अधिकतर जगहों पर आंदोलन शांतिपूर्ण हैं लेकिन कुछ जगहों पर यह उग्र भी हुए हैं. इसी बीच ब्रिटेन के शहर ब्रिस्टल में प्रदर्शनकारियों ने 17 वीं सदी के ग़ुलामों के व्यापारी एडवर्ड क्लॉस्टन की मूर्ति को ढहा दिया. सोशल मीडिया में शेयर विडियोज़ में देखा जा सकता है कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने पहले मूर्ति पर रस्सी फंसाई और फिर आपसी सहमति से उसे खींच कर गिरा दिया.
इसी तरह ब्रसेल्स में भी प्रदर्शनकारी पूर्व राजा लिओपोल्ड द्वितीय की एक मूर्ति पर चढ़ बैठे जहां उन्होंने कोंगो का झंडा फहराया और राजा के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की. राजा लिओपोल्ड द्वितीय पर आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने कोंगो में 1 करोड़ लोगों की हत्या कराई थी.
इधर लंदन में, हज़ारों लोग लगातार दूसरे दिन अमेरिकी एम्बैसी के पास इकट्ठा हुए. यह विरोधप्रदर्शन आम तौर पर शांतिपूर्ण था लेकिन कुछ जगहों पर पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की हाथापाई की भी ख़बरें हैं. लंदन में इसी तरह की एक झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है.
इसी तरह हॉंगकॉंग, इसराएली शहर तेल अवीव, इटली के रोम, स्पेन के बार्सेलोना और मैड्रिड और दुनिया भर में कई जगह ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन को समर्थन देने सड़कों पर उतरे.
इधर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने इस आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा है कि कुछ लोगों ने इस आंदोलन को इसके मक़सद से भटका दिया है. उन्होंने कहा प्रदर्शन करना लोगों का अधिकार है लेकिन हिंसा प्रदर्शनकारियों के मक़सद से धोख़ेबाज़ी है.
इस बीच अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के ख़िलाफ़ उभरे इस आंदोलन का असर आगामी चुनावों पर सीधे तौर पर महसूस किया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प प्रदर्शन कारियों के ख़िलाफ़ सेना के इस्तेमाल के अपने बयान को लेकर काफ़ी आलोचना झेल रहे हैं.
इस बीच पूर्व में रिपब्लिकन पार्टी के महत्वपूर्ण नेता रहे और पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने डैमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जॉए बिडेन की तारीफ़ की है. आगमी चुनावों के मद्देनज़र अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रतिद्वंदी की इस तरह से पहली बार किसी बड़े रिपब्लिकन नेता ने ख़ुलेआम तारीफ़ की है?
अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन से बात करते हुए उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि वे इस बार राष्ट्रपति ट्रम्प को सर्पोर्ट नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे इस बार जोए बिडेन को वोट देंगे.
जानकार मान रहे हैं कि पहले ही कोरोनावायरस को सम्हाल पाने में नाकाम रहे ट्रम्प की लोकप्रियता नस्लभेद के ख़िलाफ़ उभरे इस आंदोलन को लेकर उनके रवैये से और भी कम हुई है जिसका असर आगामी चुनावों में दिखाई दे सकता है.