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IAEA में ईरान के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव पर रोक

ईरान के अपने परमाणु ठिकानों में यूरेनियम पार्टिकल्स के बारे में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को जांच में सहयोग करने के लिए सहमत होने के बाद यह पश्चिमी शक्तियों ने यह क़दम उठाया है.

- Khidki Desk


पश्चिमी शक्तियों ने ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर IAEA में उसकी निंदा करने के प्रयासों पर फ़िलहाल रोक लगा दी है, क्योंकि ईरान अपने परमाणु ठिकानों में यूरेनियम पार्टिकल्स के बारे में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को जांच में सहयोग करने के लिए सहमत हो गया है.


IAEA के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स में, यूरोपीय देशों और अमेरिका के समर्थन से ईरान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की कोशिशें की जा रही थीं.


ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस रोक का श्रेय तेहरान के गहरे कूटनीतिक प्रयासों और 2015 के परमाणु क़रार में शामिल देशों की ओर से की गई कोशिशों को दिया है.


परमाणु क़रार से हट चुके अमेरिका ने ई-3 यानी जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन की ओर से आईएईए में लाए जाने वाले ईरान के निंदा प्रस्ताव को समर्थन दिया था. प्रस्ताव के तहत आईएईए में परमाणु क़रार के वादों से मुकरने के लिए ईरान की निंदा की जाती.

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतिबजादेह ने परमाणु क़रार के ज्वाइंट काॅम्प्रिहेंसिव एक्शन प्लान के हवाले से कहा कि ताज़ा घटनाक्रम से ईरान और परमाणु निगरानी संस्था के बीच बातचीत और कूटनीति के दरवाजे खुले रहेंगे, ताकि समझौते में शामिल पक्षों के बीच किए गए संकल्प पूरे किए जा सकें.


पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंम्प के कार्यकाल में अमेरिका के इस समझौते से पीछे हट गया था और इसके बाद से ईरान ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए अपने यूरेनियम इनरिचमेंट कार्यक्रम को तेज कर दिया था. ईरानी परमाणु वैज्ञानिक फखरीजादेह की हत्या के बाद वहां की संसद ने यूरेनियम संवर्द्धन बढाने को लेकर कानून भी पास किया था.


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