चीन की उम्मीद, हॉंग कॉंग पर सहयोग करेंगे दूसरे देश
चीन ने कुछ महत्वपूर्ण देशों को, जिनमें भारत भी शामिल है, हॉंग कॉंग को लेकर अपने इस नए क़ानून के बारे में बताया है. उसने कहा है कि हॉंगकॉंग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीज़न पूरी तरह से चीन का अंदरूनी मसला है और किसी भी दूसरे देश को इस मामले में दख़ल नहीं देना चाहिए.
- Khidki Desk

हॉंग कॉंग में चीन की संसद की ओर से लाए जा रहे नए नैश्नल सिक्योरिटी क़ानून को लेकर जहां एक ओर हॉंग कॉंग में तनाव बढ़ गया है वहीं दूसरी ओर चीन दूसरे देशों से उसके इस फ़ैसले में सहयोग की उम्मीद कर रहा है.
चीन ने कुछ महत्वपूर्ण देशों को जिनमें भारत भी शामिल है, हॉंग कॉंग को लेकर अपने इस नए क़ानून के बारे में बताया है. उसने कहा है कि हॉंगकॉंग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीज़न पूरी तरह से चीन का अंदरूनी मसला है और किसी भी दूसरे देश को इस मामले में दख़ल नहीं देना चाहिए.
शुक्रवार को चीनी संसद की सालाना कॉंग्रेस में हॉंग कॉंग को लेकर एक नया क़ानून पेश किया गया है. चीन के मुताबिक़ इस राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून को लेकर आने का मक़सद, राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए हॉंगकॉंग की क़ानून व्यवस्था को सुधारा जाना है.''
चीनी सरकार के विरोध में हॉंगकॉंग में पिछले साल लगातार प्रदर्शन होते रहे. इस क़ानून के ज़रिए चीन की कोशिश है कि सरकार के ख़िलाफ़ इस तरह के प्रदर्शनों पर स्थाई तौर पर नकेल कसी जा सके. हॉंगकॉंग के लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता इस क़ानून को हॉंगकॉंग की स्वायत्ता को ख़त्म करने और यहां तक कि हॉंगकॉंग को ख़त्म करने वाला कह रहे हैं.