International Bulletin: चीन ने सुधारे कोरोना से मरने वालों के आंकड़े
आज है 17 अप्रैल, दिन शुक्रवार, आप पढ़ रहे हैं खिड़की इंटरनेश्नल बुलेटिन. यहां हर रोज़ हम आपके लिए लेकर आएंगे दुनिया भर की अहम ख़बरें.
चीन ने सुधारे कोरोना से मरने वालों के आंकड़े
आज की पहली ख़बर चीन के वुहान शहर से है जहां से कोरानावायरस के संक्रमण की शुरुआत हुई थी. वुहान शहर के अधिकारियों ने वहां संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों को सुधारा है. इन आंकड़ों में अधिकारियों ने अब तक़रीबन 50 प्रतिशत का इजाफ़ा कर दिया है. पहले बताया गया था कि शहर में कोरोना के संक्रमण से 2579 मौतें हुई हैं लेकिन अब कहा जा रहा है कि मौत का यह आंकड़ा 3869 का है. इन नए आंकड़ों के साथ पूरे चीन में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की तादात अब 4,632 जा पहुंची है. कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों, संगठनों और देशों ने पहले ही चीन पर सही आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगा रहे थे. उनका मानना है कि चीन में कम से कम 14 हज़ार लोगों की मौत हुई है.
हालांकि चीन की सरकारी न्यूज़ ऐजेंसी ज़िनहुआ को दिए गए एक बयान में वुहान म्युनिसिपल हेडक्वार्टर्स फॉर कोविड-19 एपेडेमिक प्रिवेंशन एंड कंट्रोल की ओर से कहा गया है , कि यह आंकड़े इसलिए सुधारे गए हैं क्योंकि कुछ मामलों में मेडिकल संस्थानों से रिपोर्ट्स आने में देरी हुई थी और कुछ लोगों की मौत उनके घरों में हुई क्योंकि शुरूआत में अस्पतालों में इतनी भीड़ हो गई थी कि प्रबंधन करना संभव नहीं था. इधर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से प्रकाशित एक टैब्लॉइड ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक संपादकीय में चीन पर लग रहे आरोपों को ख़ारिज किया है और कहा है कि आंकड़ों में सुधार तथ्यों के आधार पर ही किया गया है ना कि पश्चिमी देशों में चीन पर लग रहे आरोपों के दबाव में.
अफ़्रीका में हो सकता है कोरोनावायरस का विस्फोट
अब रुख़ करते हैं दूसरी ख़बर का. यह ख़बर अफ़्रीका महाद्वीप से है. विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि अफ़्रीका महाद्वीप में कोरोनावायरस के मामलों में चौंका देने वाली बढ़ोत्तरी हो सकता है. आशंका यह है कि अगले तीन से छ: महीनों के भीतर अफ़्रीका में तकरीबन एक करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. यह आशंका WHO के फंड में अमेरिका की ओर से लगा दी गई रोक के बाद और गहरा गई है. एफ़्रिकन सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख डॉ. जॉन कैंगासॉंग ने कहा है कि आने वाले तीन महीनों में अफ़्रीका को तक़रीबन डेढ़ करोड़ कोरोनावायरस टेस्ट कराने पड़ सकते हैं. अफ़्रीका के बारे में की जा रही यह भविष्यवाणी इसलिए चिंताजनक है क्योंकि अफ़्रीकी देशों में यूरोपीय देशों और अमेरिका के मुक़ाबले स्थास्थ सेवाओं की उपलब्धता बेहद कम है. बीते महीनों में कोरोना के आगे दुनिया के ये सुविधा-सम्पन्न देश भी घुटनों के बल आ गए हैं. ऐसे में अफ़्रीका में कोरोनावायरस का प्रकोप कैसे रोका जा सकेगा, यह विशेषज्ञों की चिंता के केंद्र में है. इधर एफ़्रिकन सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की योजना है कि अगले हफ़्ते तक कम से कम 10 लाख कोरोनावायरस टेस्ट कराए जाएं. विशेषज्ञों की राय है कि कोरोनावायरस की महामारी से फ़ैले प्रकोप के लिहाज़ से यूरोप और अमेरिका की तुलना में अफ़्रीका अभी हफ्तों पीछे है. लेकिन वहां बढ़ रहे मामले गहरी चिंता का विषय हैं. हालांकि अफ़्रीका में WHO की आपातकाकालीन सेवाओं के प्रमुख मिशेल याओ ने कहा है कि यह एक ऐसा अनुमान है जो कि हालातों के सबसे अधिक बिगड़ जाने की स्थिति में संभव है. उन्होंने कहा, ''इस अनुमान को ऐसे लेना चाहिए कि हालातों के पूरी तरह बिगड़ जाने पर ऐसा हो सकता है. लेकिन यह बदल भी सकता है क्योंकि हमने देखा है कि इबोला प्रकोप के लिए की गई इसी तरह की भविष्यवाणी सच साबित नहीं हुई क्योंकि लोगों ने समय से एहतियात बरतने शुरू किए और उनका कड़ाई से पालन किया.'' अफ़्रीका के मौजूदा हालातों पर वर्ल्ड इकनामिक फ़ोरम और वर्ल्ड हेल्थ ऑरगनाइजेशन (WHO) ने बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए एक प्रेस ब्रीफ़ की. यहां WHO की अफ़्रीका रीज़न की डायरेक्टर मशीदीसो मोएटी ने अफ़्रीकी देशों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा, ''हमें इस बात की चिंता है कि कोरोना का संक्रमण अफ़्रीकी देशों में लगातर फ़ैलता जा रहा है. संक्रमितों की संख्या हर रोज़ बढ़ रही है.'' दुनिया के इस सबसे ग़रीब महाद्वीप में अब तक 17 हज़ार कोरोना संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है और 900 से अधिक लोग मारे गए हैं. लेकिन माना जा रहा है कि अफ़्रीका में कोरोना संक्रमण की अभी शुरूआत ही हुई है. प्रेस ब्रीफ़ के दौरान मोएती ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में जहां सबसे अधिक संक्रमण फ़ैला है वहां सख़्त लॉकडाउन के बाद संक्रमण के मामलों में कमी आई है लेकिन बुर्कीना फासो, कोंगो और अल्ज़ीरिया में संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है और मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि WHO को अफ़्रीका में कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ सरकारों को मदद करने के लिए तक़रीबन 300 मीलियन अमेरिकी डॉलर्स की ज़रूरत होगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अमेरिका WHO के फंड पर लगाई गई रोक के बारे में दोबारा सोचेगा. मोएती ने कहा, ''अमेरिकी सरकार हमारी एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. ना ही सिर्फ़ वित्तीय सहयोग में लिए बल्कि रणनीतिक सहयोग में भी.''
ट्रंप ने दिया बहाली को रोडमैप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी राज्यों के गवर्नर्स को कोरोनावायरस के प्रकोप से बिगड़े आर्थिक हालातों से उबरने का एक रोड मैप दिया है. एक चरण बद्ध तरीक़े से कैसे चीज़ों को वापस पटरी पर लाया जाए इसके लिए ट्रंप ने एक योजना तो रखी है लेकिन इसे लागू करना है या नहीं यह राज्यों पर निर्भर रहेगा. व्हाइट हाउस में रोज़ की प्रेस ब्रीफ़ में बोलते हुए ट्रंप ने अपनी योजना को बताया और कहा, '' हम एक साथ सब कुछ नहीं खोल रहे बलकि एक समय में एक सावधानी भरा क़दम उठा रहे हैं.''
कोरोना की मार
अमेरिका पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रकोप को सबसे अधिक झेलने वाला देश है. यहां 678,210 लोग संक्रमित हुए हैं और 34,641 मौतें हुई हैं. पूरी दुनिया में अब तक संक्रमित हुए लोगों की तादात 21, 92,469 पहुंच गई है. 1,47,360 मौतें हुई हैं और 5,54,232 लोग ठीक भी हुए हैं.
( यहां बताए गए सारे आंकड़े www.worldometers.info से लिए गए हैं. )
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