युद्धग्रस्त क्षेत्र में कोरोना
Updated: Jul 15, 2020
यह मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया में मानवीय मदद पहुंचाने का प्रस्ताव कई प्रयासों के बीच पास नहीं हो पा रहा.
- Khidki Desk
कोरोना वायरस ने अब उत्तर-पश्चिम सीरिया के युद्धग्रस्त इदलिब प्रांत में भी दस्तक दे दी है. यहां तीन डॉक्टरों और एक नर्स को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है. इस इलाके में कोरोना वायरस के संक्रमण का यह पहला मामला है। इसके बाद आंतरिक रूप से विस्थापित हुए सीरियाई शरणार्थियों के शिविरों यानी आईडीपी कैंप में इसके तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है.
यह मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया में मानवीय मदद पहुंचाने का प्रस्ताव कई प्रयासों के बीच पास नहीं हो पा रहा. हाल के कुछ महीनों में इन विशाल शिविरों में रहने वाले शरणार्थियों की तादाद काफी बढ़ गई है, क्योंकि रूस समर्थित सीरियाई सरकार के बलों ने विद्रोहियों के बड़े और आखिरी गढ़ रहे इदलिब पर फिर से नियंत्रण करने के लिए हमले तेज कर दिए हैं.
इस साल में मार्च में रूस और तुर्की की मध्यस्थता से लागू हुए युद्ध विराम के पहले तक दस लाख लोग विस्थापित हो चुके थे. ख़ास तौर से इदलिब बड़े पैमाने पर मानवीय संकट झेल रहा है.
संक्रमण का यह पहला केस बाब अल हवा सीमावर्ती अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर में बृहस्पतिवार को सामने आया जो हाल ही में तुर्की से लौटा था. इसके अलावा दो केस पास के अतमेह गांव के अस्तपाल में मिले हैं.
इसके बाद इस अस्पताल के सारे डॉक्टरों, मरीजों और दूसरे कर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है. साथ ही 25 जून के बाद से यहां आए सारे लोगों की कोरोना जांच कराई जाएगी.
सीरिया की अंतरिम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री महम अल शेख ने बताया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस इस इलाके में न फैले. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी एहतियाती उपाय और अन्य निर्देशों का पालन लोगों से कराया जाएगा.
सीरिया में कोरोना से निपटने को तालमेल बनाने वाली समिति के प्रमुख मोहम्मद हल्लाज का मानना है कि सुरक्षा बरतने के सारे प्रयासों के बावजूद घनी आबादी वाले इन शिविरों में वायरस के प्रसार का खतरा बना हुआ है. बता दें कि 2011 में सीरिया में युद्ध छिड़ने से पहले इदलिब की आबादी तकरीबन 15 लाख थी, जो अब दोगुना हो चुकी है.