लागत क़ीमतों पर बेचा जाए कोरोना का टीका'
मेडिसिन्स साँस फ्रोंटियर्स और 40 सिविल सोसाइटी ग्रुप्स ने अपील की है कि कोरोना का टीका ठीक लागत मूल्यों पर बेचा जाए और इस महामारी को कोई भी मुनाफ़ा कमाने के अवसर के तौर पर ना देखे.
- Khidki Desk

मेडिसिन्स साँस फ्रोंटियर्स यानि एमएसएफ़ और 40 सिविल सोसाइटी ग्रुप्स ने गावी से कहा है कि वह भविष्य में बनने वाली कोरोना वैक्सीन की क़ीमतों को लेकर अपने क़ीमत निर्धारण करने के तरीक़े की समीक्षा करे. मेडिसिन्स साँस फ्रोंटियर्स की अपील है कि भविष्य में बनने वाली कोरोना वैक्सीन्स को उसकी लागत की क़ीमतों में ही बेचा जाए.
यह अपील बुधवार को जेनेवा में शुरू होने वाली गावी की बोर्ड मीटिंग से ठीक पहले की गई है.
गावी ने COVAX Facility नाम से एक नया मैकेनिज़्म विकसित किया है जिसके ज़रिए कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन बनाने में जुटी फॉर्माश्युटिकल कंपनियों को भुगतान किया जा सकेगा.
मेडिसिन्स साँस फ्रोंटियर्स को इस बात की आशंका है कि दवा बनाने वाली कंपनियां पारदर्शिता के साथ काम नहीं करती हैं और ज़रूरत है कि गावी यह सुनिश्चित करे कि कोरोना वायरस का टीका भविष्य में उसकी लागत की क़ीमतों में ही लोगों को मिल पाए.
गावी वैश्विक स्तर पर स्वास्थ के क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप है, जिसका मक़सद ग़रीब देशों में प्रतिरोधक टीकों की पहुंच को बढ़ाना है.
एमएसएफ एक्सेस कैंपेन की वरिष्ठ वैक्सीन नीति सलाहकार केट एल्डर ने एक बयान में कहा कि हालांकि कुछ दवा कंपनियां भविष्य में बनने वाले COVID-19 टीकों को 'नॉट-फॉर-प्रॉफिट' कीमतों पर बेचने का वादा कर रही हैं, लेकिन फार्मा कंपनियों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, हम यह कैसे यक़ीन कर सकते हैं क्योंकि इसे लेकर कोई पारदर्शिता नहीं है?'' उन्होंने इसे लेकर कुछ ठोस क़दम उठाने की भी बात कही है ताकि वैश्विक महामारी की इस आपदा को कोई मुनाफ़ा बटोरने के अवसर के तौर पर ना देखे.