top of page

अफ़्रीका में हो सकता है कोरोनावायरस का विस्फोट

अफ़्रीका के बारे में की जा रही यह भविष्यवाणी इसलिए चिंताजनक है ​क्योंकि अफ़्रीकी देशों में यूरोपीय देशों और अमेरिका के ​मुक़ाबले स्थास्थ सेवाओं की उपलब्धता बेहद कम है. बीते महीनों में कोरोना के आगे दुनिया के ये सुविधा-सम्पन्न देश भी घुटनों के बल आ गए हैं. ऐसे में अफ़्रीका में कोरोनावायरस का प्रकोप कैसे रोका जा सकेगा, यह विशेषज्ञों की चिंता के केंद्र में है.

- Khidki Desk


विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि अफ़्रीका महाद्वीप में कोरोनावायरस के मामलों में आश्चर्यजनक इजाफ़ा हो सकता है. आशंका यह है कि अगले तीन से छ: महीनों के भीतर अफ़्रीका में तकरीबन एक करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. यह आशंका WHO के फंड में अमेरिका की ओर से लगा दी गई रोक के बाद और गहरा गई है. एफ़्रिकन सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख जॉन नेकैंगेसॉंग ने कहा है कि आने वाले तीन महीनों में अफ़्रीका को तक़रीबन डेढ़ करोड़ कोरोनावायरस टेस्ट कराने पड़ सकते हैं. अफ़्रीका के बारे में की जा रही यह भविष्यवाणी इसलिए चिंताजनक है ​क्योंकि अफ़्रीकी देशों में यूरोपीय देशों और अमेरिका के ​मुक़ाबले स्थास्थ सेवाओं की उपलब्धता बेहद कम है. बीते महीनों में कोरोना के आगे दुनिया के ये सुविधा-सम्पन्न देश भी घुटनों के बल आ गए हैं. ऐसे में अफ़्रीका में कोरोनावायरस का प्रकोप कैसे रोका जा सकेगा, यह विशेषज्ञों की चिंता के केंद्र में है. इधर एफ़्रिकन सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की योजना है कि अगले हफ़्ते तक कम से कम 10 लाख कोरोनावायरस टेस्ट कराए जाएं. विशेषज्ञों की राय है कि कोरोनावायरस की महामारी से फ़ैले प्रकोप के लिहाज़ से यूरोप और अमेरिका की तुलना में अफ़्रीका अभी हफ्तों पीछे है. लेकिन वहां बढ़ रहे मामले गहरी चिंता का विषय हैं. हालांकि अफ़्रीका में WHO की आपातकाकालीन सेवाओं के प्रमुख मिशेल याओ ने कहा है कि यह एक ऐसा अनुमान है जो कि हालातों के सबसे अधिक बिगड़ जाने की स्थिति में संभव है. उन्होंने कहा, ''इस अनुमान को ऐसे लेना चाहिए कि हालातों के पूरी तरह बिगड़ जाने पर ऐसा हो सकता है. लेकिन यह बदल भी सकता है क्योंकि हमने देखा है कि इबोला प्रकोप के लिए की गई इसी तरह की भविष्यवाणी सच साबित नहीं हुई क्योंकि लोगों ने जिस तरह समय से एहतियात बरतने शुरू किए और उनका कड़ाई से पालन किया.''

अफ़्रीका के मौजूदा हालातों पर वर्ल्ड इकनामिक फ़ोरम और वर्ल्ड हेल्थ ऑरगनाइजेशन (WHO) ने बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए एक प्रेस ब्रीफ़ की. यहां WHO की अफ़्रीका रीज़न की डायरेक्टर मशीदीसो मोएटी ने अफ़्रीकी देशों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा, ''हमें इस बात की चिंता है कि कोरोना का संक्रमण अफ़्रीकी देशों में लगातर फ़ैलता जा रहा है. संक्रमितों की संख्या हर रोज़ बढ़ रही है.''

दुनिया के इस सबसे ग़रीब महाद्वीप में अब तक 17 हज़ार कोरोना संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है और 900 से अधिक लोग मारे गए हैं. लेकिन माना जा रहा है कि अफ़्रीका में कोरोना संक्रमण की अभी शुरूआत ही हुई है. प्रेस ब्रीफ़ के दौरान मोएती ने बताया कि ​दक्षिण अफ्रीका में जहां सबसे अधिक संक्रमण फ़ैला है वहां सख़्त लॉकडाउन के बाद संक्रमण के मामलों में कमी आई है लेकिन बुर्कीना फासो, कोंगो और अल्ज़ीरिया में संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है और मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि WHO को अफ़्रीका में कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ सरकारों को मदद करने के लिए तक़रीबन 300 मीलियन अमेरिकी डॉलर्स की ज़रूरत होगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अमेरिका WHO के फंड पर लगाई गई रोक के बारे में दोबारा सोचेगा. मोएती ने कहा, ''अमेरिकी सरकार हमारी एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. ना ही सिर्फ़ वित्तीय सहयोग में लिए बल्कि रणनीतिक सहयोग में भी.''

bottom of page