'चीन मुझे हराने के लिए कुछ भी करेगा': ट्रम्प
Updated: May 1, 2020
बताया जा रहा है कि अंदरूनी विश्लेषण के बाद मौजूदा सरकार को कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में अपनी स्थिति कमज़ोर नज़र आ रही है. ऐसे में चीन के ख़िलाफ़ मुखर राष्ट्रपति ट्रंप के इन बयानों को उनकी जनता में लोकप्रियता बढ़ाने की कूटनीतिक प्रयासों के बतौर भी देखा जा रहा है क्योंकि अमेरिकी जनमानस में चीन के ख़िलाफ़ आम तौर पर आक्रोश है.
-khidki desk

कोरोना वायरस से फ़ैली अफ़रा-तफ़री, संक्रमण, मौतों और मायूसी के बीच अमेरिका में चुनाव सिर पर हैं. इसका असर नेताओं की बयानबाज़ी में भी नज़र आने लगा है. ख़ासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इसे लेकर चिंतित नज़र आ रहे हैं और चीन के ख़िलाफ़ लगाताार हमलावर हैं. सिलसिले को बरक़रार रखते हुए उन्होंने फिर एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोनावायरस को चीन ने जिस तरह हेंडल किया है उससे यह साबित हो जाता है कि वह आगामी चुनावों में उन्हें हराने के लिए कुछ भी कर सकता है. ह्वाइट हाउस में समाचार ऐजेंसी रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने यह बात कही. उन्होंने कहा, 'मुझे इस रेस में हराने के लिए चीन कुछ भी करेगा।'' अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान यह कहता नज़र आ रहा है कि चीन ने अमेरिका में कोरोना का संक्रमण इसलिए फ़ैलाया क्योंकि ट्रम्प को आगामी चुनावों में हराया जा सके. अमेरिका में कोरोना से हुए संक्रमण का आंकड़ा 10,64,819 तक जा पुहंचा है जबकि मरने वालों की तादात 61,680 तक जा पहुंची है. ऐसे में कोरोना संक्रमण पर क़ाबू ना पा सकने के लिए ट्रम्प सरकार की आलोचना हो रही है. आगामी चुनावों के मद्देनज़र विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी इसे चुनाव का मुद्दा बना कर ट्रम्प सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. रॉयटर्स को दिए इस साक्षात्कार में ट्रम्प ने कहा है कि चीन चाहता है कि नवंबर में होने वाले आगामी चुनाव को डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन जीत जाएं. रॉयटर्स को दिए इस साक्षात्कार में उन्होंने फिर अपनी बात को दोहराते हुए कहा है कि उनकी सरकार चीन के ख़िलाफ़ कोरोना वायरस को फ़ैलाने और तथ्यों को छिपाने और स्रोत पर ही उसे नहीं रोक पाने के आरोपों की एक गहन जांच कर रही है. उन्होंन कहा कि वह ऐसे कई तरीक़ों के बारे में सोच रहे हैं जिससे चीन को वायरस का प्रसार करने की सज़ा दी जा सके. बताया जा रहा है कि अंदरूनी विश्लेषण के बाद मौजूदा सरकार को कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में अपनी स्थिति कमज़ोर नज़र आ रही है. ऐसे में चीन के ख़िलाफ़ मुखर राष्ट्रपति ट्रंप के इन बयानों को उनकी जनता में लोकप्रियता बढ़ाने की कूटनीतिक प्रयासों के बतौर भी देखा जा रहा है क्योंकि अमेरिकी जनमानस में चीन के ख़िलाफ़ आम तौर पर आक्रोश है. इधर चीन अमेरिकी राजनेताओं पर साफ़ तौर पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहा है. चीन का कहना है कि अमेरिकी नेता अपनी नाक़ामी को छिपाने के लिए चीन पर आरोप लगा रहे हैं. इससे पहले ट्रम्प, चीन को ''चाइना वायरस'' भी कह चुके हैं जिस पर चीन ने कड़ा ऐतराज़ जताया था. और उसके जवाब में चीन ने आरोप लगाए थे कि यह चीन के वुहान शहर में कोरोनावायरस को फ़ैलान अमेरिकी सेना की साजिश हो सकती है. इधर पिछले दिनों कोरोनावायरस के इलाज के लिए कीटनाशकों के सेवन और अल्ट्रावॉयलेट किरणों के इस्तेमाल का नुस्ख़ा सुझा कर ट्रंप ने काफ़ी आलोचना झेली थी.