संसदीय समिति के सामने फ़ेसबुक इंडिया के मुखिया की पेशी
फ़ेसबुक पर आरोप है कि सोशल मीडिया साइट फेसबुक, भारत में एंटि-मुस्लिम पोस्ट्स और हेट स्पीच को बढ़ावा देती है. साथ ही फ़ेसबुक इंडिया की पॉलिसी हेड अंखी दास भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को चुनावी फ़ायदा पहुंचाती है.
- Khidki Desk

फ़ेसबुक विवाद पर बुधवार को संसद की सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिती की बैठक हुई. संसद में हुई इस बैठक में फ़ेसबुक इंडिया के एमडी अजीत मोहन भी शामिल हुए. फ़ेसबुक पर आरोप है कि सोशल मीडिया साइट फेसबुक, भारत में एंटि मुस्लिम पोस्ट्स और हेट स्पीच को बढ़ावा देती है. साथ ही फ़ेसबुक इंडिया की पॉलिसी हेड अंखी दास भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को चुनावी फ़ायदा पहुंचाती है.
हालांकि फ़ेसबुक ने बैठक में इन आरोपों से इनकार किया है. आपको बता दें कि फ़ेसबुक पर ये आरोप THE WALL STREE JOURNAL में छपी ख़बर के बाद से लगे. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फ़ेसबुक भारत में सत्तधारी नेताओं के नफ़रत भरे पोस्ट पर इसिलिए कार्यवाई नहीं करता, क्योंकि उसे भारत में अपने व्यापारिक हितों पर खतरा महसूस होता है. वहीं अमेरिकी अख़बार की रिपोर्ट के उलट आरोप लगाते हुए रविशंकर प्रसाद ने फ़ेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग को तीन पन्नों का पत्र लिखकर कहा कि फ़ेसबुक के कर्मचारी चुनावों में लगातार हार का सामना करनेवाले लोगों के साथ ही प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कथित अपशब्द कहने वालों का समर्थन कर रहे हैं.
रविशंकर प्रसाद की चिट्ठी के अगले दिन फ़ेसबुक ने 453 पाकिस्तानी अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया. 453 पाकिस्तानी अकाउंट्स के साथ ही 103 फ़ेसबुक पेज़, 78 ग्रुप्स और 107 इंस्टाग्राम अकाउंट्स भी सस्पेंड कर दिए गए हैं. इन पर आरोप है कि ये अकाउंट्स फ़ेक न्यूज़ और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चला रहे थे.