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जर्मनी और ब्रिटेन ने दी कोरोना टीके के मानव परीक्षण को हरी झंडी

इस हफ़्ते जर्मनी और ब्रिटेन ने कोरोनावायरस के टीके के लिए मानव परीक्षण को अनुमति दे दी है. अमेरिका और चीन के बाद ये दो देश होंगे जो कि कोरोनावायरस के टीके का इंसानों में प्रयोग कर यह जांचेेंगे कि क्या यह टीके इस वायरस के ख़िलाफ़ इंसानी प्रतिरोधक क्षमता को कामयाब बना पाएंगे?

- Khidki Desk


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बृहस्पतिवार को जर्मनी के स्वास्थ मंत्री जेन्स स्पाह्न ने घोषणा की है कि जर्मनी ने भी कोरोना वायरस के पहले क्लीनिकल ट्रायल को अनुमति दी है. उन्होंने बताया कि जर्मनी में टीकों को अधिकृत करने वाली रेगुलेट्री अथोरिटी, Paul Ehrlich Institute (पाउल एहर्लिच इंस्टिट्यूट) ने BioNTech द्वारा बनाए गए कोरोना वायरस के टीके के पहले ​क्लीनिकल ट्रायल को हरी झंडी दिखा दी है. स्पाह्न ने कहा ''हम पाउल एहर्लिच इंस्टिट्यूट की ओर से अप्रूव की गई वैक्सीन का पहला क्लीनिकल ट्रायल करने जा रहे हैं। शुरूआत में 200 लोगों पर यह ट्रायल होगा. जिनमें 18 साल से लेकर 55 साल के स्वस्थ लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। असल में यह एक अच्छा संकेत है कि जर्मनी पहले ही वायरसों के अध्ययन में काफी आगे है ऐसे में हम यह जल्दी कर पाए हैं। हालांकि अब भी ध्यान में रहना चाहिए कि टीके उपलब्ध होने में अब भी कुछ महीनों का समय लगना ही है. पहले क्लीनिकल ट्रायल की ओर हम बढ़ तो रहे हैं लेकिन टीकों का मास प्रोडक्शन तभी कराया जा सकता है जब कि उनका पूरी तरह परीक्षण और शोध पूरा हो जाए।'' इससे पहले ब्रिटेन भी यह घोषणा कर चुका है. ब्रिटेन के स्वास्थ मंत्री मैट हेनकॉक ने भी क्लीनिकल ट्रायल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा ''आॅक्सफोर्ड के प्रोजेक्ट की वेक्सीन का लोगों में इस बृहस्पतिवार से ट्रायल किया जाएगा. सामान्य समय में इस स्टेज़ में पहुंचने में कई साल लग जाते हैं लेकिन मुझे गर्व है कि हम तेज़ी से यह कर पाए हैं।'' मैट हेनकॉक के शब्द. हालांकि अभी दुनियाभर में करोनावायरस के टीके को विकसित करने के लिए तक़रीबन 150 प्रयोग चल रहे हैं. लेकिन अब तक महज 5 प्रयोगों को ही क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति मिली है. पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा था कि आख़िरकार टीके ही दुनिया को वापस सामान्य स्थिति में ला सकते हैं. उन्होंने इसके लिए प्रयासों को तेज़ करने की अपील की थी. सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सभा के सभी 193 सदस्यों ने आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित कर यह कहा था कि भविष्य में कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनने वाले टीके की सभी तक तक पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। जर्मनी और ब्रिटेन के अलावा अब तक चीन और अमेरिका में कुल 3 ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल्स की अनुमति दी गई है. इस तरह अब तक 5 प्रयोगों को ह्यूमन ​क्लीनिक ट्रायल की अनुमति मिली है.

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