धमाके से गिरी सरकार
सोमवार को राष्ट्रपति माइकल आउन से मिल कर लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब ने औपचारिक रूप से अपनी कैबिनेट का इस्तीफ़ा उन्हें सौंपा.
- Khidki Desk
लेबनान की राजधानी बेरूत में बीते मंगलवार को हुए बम धमाके का असर अब यहां की राजनीति में धमाके की वजह बन रहा है. देश भर में चल रहे उग्र प्रदर्शनों के चलते लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब को अपनी पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफ़ा देना पड़ा है. प्रदर्शन कारी सरकार पर लगातार यह आरोप लगाते हुए इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे कि सरकार में छाए भ्रष्टाचार की वजह से राजधानी में बीते मंगलवार को इतना भयानक विस्फोट हुआ था.
सोमवार को राष्ट्रपति माइकल आउन से मिल कर प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से अपनी कैबिनेट का इस्तीफ़ा उन्हें सौंपा. इस्तीफ़े को राष्ट्रपति ने स्वीकार लिया है. इसके बाद सरकारी टीवी चैनल में उन्होंने इसकी सार्वजनिक घोषणा की. उन्होंने कहा -
मैं आज इस सरकार के इस्तीफ़े की घोषणा करता हूं.. अल्लाह लेबनान को बचाए... अल्लाह लेबनान को बचाए.. अल्लाह लेबनान को बचाए.. लेबनान की जनता ज़िंदाबाद..
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह अपराध, बुरी तरह फ़ैले भ्रष्टाचार के तंत्र के चलते हुआ जो ख़ुद राज्य से बड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि वे इस्तीफ़ा देकर इसलिए एक क़दम पीछे हट रहे हैं ताकि वे अपने लोगों के साथ खड़े हो सकें और बदलाव की लड़ाई में उनसे क़दम से क़दम मिलाते हुए लड़ें.
दियाब के इस्तीफ़े से पहले उनके कई मंत्रियों ने भी अपना इस्तीफ़ा दिया था. इस इस्तीफ़े को लेकर लेबनान के स्वास्थ मंत्री हामद हसन ने कहा —
''इन इस्तीफ़ों का मतलब यह है कि हम ज़िम्मेदारी लेते हैं. हमने ज़िम्मेदारी लेने के तौर पर इस्तीफ़ा देना चुना ना कि हालात से भागने के लिए.''
इधर क़ानून मंत्री मैरी-क्लाउड नाज़ेम का कहना था कि उन्होंने जनता के हित में यह फ़ैसला लिया है.
''आप किसी को भी हमारी जगह पर रख कर देखिए. कोई भी नहीं चाहेगा कि इन हालात में सत्ता में बना रहा जाए, जबकि हम सब कुछ झेल रहे हैं.. देश आर्थिक तौर ढह चुका है.. कोरोनावायरस की चपेट में है और अब यह राष्ट्रीय आपदा टूटी है.. हम एक ऐसा निर्णय लेना चाहते थे जो कि लेबनान की जनता के हित में हो.''
हालांकि राष्ट्रपति ने दिआब की सरकार का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है लेकिन जब तक नई कैबिनेट का गठन नहीं कर लिया जाता मौजूदा कैबिनेट तब तक कार्यकारी तौर पर जारी रहेगी.
ब्रिटेन की University of Shefield के विशेषज्ञों के मुताबिक़ बेरूत में हुआ ऐतिहासिक विस्फ़ोट, दुनिया में परमाणु बम के अलावा हुए किसी भी विस्फोट से ज़्यादा बड़ा था. इसकी क्षमता हिरोशिमा में अमेरिका की ओर से दागे गए परमाणु बम की क्षमता के दसवें हिस्से के बराबर बताई गई है. इस दुर्घटना में अब तक की गणना के मुताबिक 200 लोगों की मौत हो गई थी और 6000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
इसके बाद पूरे देश भर में उभरे सरकार विरोधी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी 723 लोग घायल हुए और एक पुलिस कर्मी की मौत हुई. मौजूदा कैबिनेट के इस्तीफ़े के बाद लेबनान अब एक नई कैबिनेट के गठन की राह देख रहा है लेकिन आर्थिक मोर्चे पर दिवालिया होने की क़गार पर खड़े लेबनान को कोई भी नई सरकार कैसे उबार पाएगी यह सवाल अब भी चुनौती लिए खड़ा है.