कैसे ये दवाएं कर रही हैं कोरोना वायरस को कमज़ोर
बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस शरीर के भीतर कुछ प्रोटीनों का उपयोग कर कोशिकाओं को संक्रमित करता है और खुद की प्रतियां बनाता जाता है. शोधकर्ताओं ने इन प्रोटीनों की तलाश कर ऐसी रासायनिक कंपाउंड्स की ख़ोज की है जो वायरस को उन प्रोटीनों का उपयोग करने से रोक सकते हैं.
- Khidki Desk

अमेरिका और फ्रांस में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक़, अलग अलग उपचारों से जुड़ी ऐसी 10 दवाएं हैं जो कि कोरोना वायरस के इलाज़ को कुछ हद तक आसान बनाने में फ़ाइदेमंद साबित हो रही हैं. स्पष्ट कर दें कि दवाएं कोरोना संक्रमण का पूरा इलाज़ नहीं करती हैं, बजाय इसके इलाज़ के दौरान इनके इस्तेमाल से मरीज़ को ठीक होने में औसतन कम समय लगता है. ये दवाएं, कैंसर की थेरेपी से लेकर एंटीसाइकोटिक्स और एंटीथिस्टेमाइंस में प्रयोग होती हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस शरीर के भीतर कुछ प्रोटीनों का उपयोग कर कोशिकाओं को संक्रमित करता है और खुद की प्रतियां बनाता जाता है. शोधकर्ताओं ने इन प्रोटीनों की तलाश कर ऐसी रासायनिक कंपाउंड्स की ख़ोज की है जो वायरस को उन प्रोटीनों का उपयोग करने से रोक सकते हैं. इस अध्ययन में 47 ऐसे रासायनिक कंपाउंड्स पाए गए जो काफ़ी प्रभावी थे. इनमें से कम से कम 10 पहले से ही बाज़ार मे उप्लब्ध दवाओं में मौजूद हैं. इनमें मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भी शामिल है , जिसका ज़िक्र पिछले दिनों काफ़ी आया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भाषणों मे बार बार किया था। लेकिन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, दिल के ऊतकों में पाये जाने वाले एक विशेष प्रोटीन को भी हिट करता है, जो बहुत हानिकारक भी हो सकता है. इसके अलावा वैज्ञानिकों की टीम ने और कंपाउंड्स जैसे PB28, प्लैटाइडेप्सिन, रेमेडिसविर को 20 गुना तक कारगर बताया और इनका हार्ट प्रोटीन पर भी कम प्रभाव होता है. अभी कुछ और परिक्षण के बाद इनमे से कुछ दवा को कोरोना के उपचार के लिया चुना जायेगा.
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