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'रमज़ान में घर पर रहकर ही इबादत करें मुसलमान'

सउदी अरब की शीर्षस्थ धार्मिक संस्था, काउंसिल ऑफ सीनीयर स्कॉलर्स ने दुनिया भर के मुसलमानों से अपील ​की है कि रमज़ान के महीने में वे अपने घरों पर रहकर इबादत की प्रक्रियाओं को पूरा करें. यह सलाह मौजूदा कोरोनावायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए दी गई है.

- Khidki Desk

इस हफ्ते के आख़िर में रमज़ान का महीना शुरू होना है. भारत में यह 24 या 25 अप्रैल से शुरू होगा. इस महीने में मुसलमान सामान्यतया रोज़े रखते हैं और शाम के वक़्त मस्ज़िदों में इकट्ठा होकर नमाज़ पढ़ते हैं और अपने रोज़े तोड़ते हैं. रमज़ान के महीने के ख़त्म होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है जिसमें एक दूसरे के घरों में जाने और गले मिलने का रिवाज़ है।

सउदी अरब की सरकारी न्यूज़ ऐजेंसी सउदी प्रेस एजेंसी के ज़रिए जारी एक बयान में काउंसिल के सचिवालय ने अपील की है. काउंसिल ने कहा है, ''मुसलमानों को किन्हीं भी सामुहिक आयोजनों में इकट्ठा होने से बचना चाहिए क्योंकि यही संक्रमण के फ़ैलने का मुख्य वजह है. हमें याद रखना चाहिए कि लोगों की जान की हिफ़ाज़त करना का काम इंसान को ख़ुदा के क़रीब लाता है.'' शुक्रवार को भी सउदी के प्रमुख़ मुफ़्ती शेख़ अब्दुल अज़िज़ अल—शेख़ ने इसी तरह की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर कोरोनावायरस का संक्रमण बरक़रार रहता है तो रमज़ान के बाद ईद उल फित्र का त्योहार भी लोगों को अपने अपने घरों पर ही मनाना चाहिए। सउदी अरब में अब तक कोराना वायरस के संक्रमण के 8,274 मामल दर्ज हुए हैं और 92 लोगों की मौत हुई है. मार्च के महीन में सउदी की सरकार कोराना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मस्ज़िदों में आकर नमाज़ पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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