'बेलारूस में प्रदर्शनों को भड़का रहा NATO' : लुकाशेंको
देश में हुए चुनावों के बाद जब लुकाशेंको अप्रत्याशित तौर पर 80 फ़ीसद से ज़्यादा वोट पाकर 6 बार राष्ट्रपति चुने गए तो विपक्ष और जनता के एक तबके ने इन चुनाव परिणामों को मानने से इनक़ार कर दिया और ज़बरदस्त प्रदर्शन हुए.
- Khidki Desk

बेलारूस में राष्ट्रपति अलैक्ज़ेंडर लुकाशेंको के ख़िलाफ़ उभरे एतिहासिक विरोध प्रदर्शनों के लिए लुकाशेंको ने नाटो पर आरोप लगाया है और साथ ही अपने पड़ोसी लिथुआनिया और पोलैंड को प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी है.
तक़रीबन साढ़े 95 लाख जनसंख्या वाले पूर्वी यूरोप के देश बेलारूस में लुकाशेंको 1994 से सत्ता पर क़ाबिज़ हैं. बीते दिनों देश में हुए चुनावों के बाद जब लुकाशेंको अप्रत्याशित तौर पर 80 फ़ीसद से ज़्यादा वोट पाकर 6 बार राष्ट्रपति चुने गए तो विपक्ष और जनता के एक तबके ने इन चुनाव परिणामों को मानने से इनक़ार कर दिया.
राजधानी मिन्स्क के साथ ही देश भर में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए और चुनाव परिणामों में धांधली का आरोप लगाते हुए लुकाशेंको से इस्तीफ़े की मांग की.
इन प्रदर्शनों से घबराए लुकाशेंको ने रूस से दख़लअंदाज़ी की गुहार लगाई थी. अब इसी क्रम में उन्होंने पश्चिम पर आरोप लगाया है कि वह रूस के ख़िलाफ़ मोर्चाबंदी की उम्मीद में बेलारूस में इन प्रदर्शनों भड़का रहा है.
शुक्रवार को लुकाशेंको ने यह आरोप लगाते हुए कहा,
''वे इस सरकार को गिराना चाहते हैं और इसे एक ऐसी सरकार से बदलना चाहते हैं जो कि किसी दूसरे देश से कहेगी कि सहयोग के लिए सेनाएं भेजो. वे अपने सामान को बेचने के लिए हमारा बाज़ार चाहते हैं.''
हालांकि नाटो ने लुकाशेंको के इस तरह के दावों को पहले भी ख़ारिज किया है.
इसी हफ़्ते नाटो के सैक्रेट्री जनरल जीन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा था कि लुकाशेंको ने अपने देश में प्रदर्शन कर विपक्ष का जिस जबरदस्त तरीक़े से दमन किया है उसके लिए एक बहाने के तौर पर वह बाहरी ताक़तों पर दोष मढ़ रहे हैं. बेलारूस में उभार पाए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को कुचलने के लिए लुकाशेंको ने जबरदस्त तरीक़े से पुलिस दमन चलाया था.
पहले ही ख़स्ता हालात से जूझ रही बेलारूस की अर्थव्यवस्था पर कोरोनावायरस के प्रकोप ने बड़ी मार की है. इन हालात में हुए चुनावों में चुनाव प्रचार के दौरान लुकाशेंको का जबरदस्त विपक्ष बनकर उभरी स्वेतलाना तिखानोवस्किया की चुनावी रैलियों में जबरदस्त भीड़ जुटी थी लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो उन्हें महज 8.9 प्रतिशत वोट ही मिला.
इस पर बेलारूस के विपक्ष और जनता को यक़ीन करना मुश्किल था. ऐसे में लुकाशेंको की इस छटी जीत पर लोगों ने धांधली का आरोप लगाते हुए जबरदस्त प्रदर्शन शुरू कर दिए थे.