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1 जुलाई से लागू हो सकता है हॉंग कॉंग का नया सुरक्षा क़ानून

यह क़ानून हॉंग कॉंग में गैज़िटेड होने के बाद लागू हो पाएगा और माना जा रहा है कि 1 जुलाई से इसे लागू किया जा सकता है जो कि वही तारीख़ है जब 1997 में ब्रिटेन के तक़रीबन डेढ़ सौ साल उपनिवेश रहने के बाद सिनो-​ब्रिटेन ज्वॉइन्ट डिक्लियरेशन के तहत, हॉंगकॉंग को वापस चीन को, लौटाया गया था.

- Khidki Desk


चीन के मीडिया के मुताबिक़ में रविवार को शुरू हुई नेश्नल पीपल्स कॉंग्रेस की स्टेंडिंग कमेटी की तीन दिवसीय बैठक में सर्वसम्मति से हॉंगकॉंग को लेकर लाया गया नेश्नल सिक्योरिटी बिल पास कर लिया है. हालांकि अभी क़ानून के मसौदे को सार्वजनिक नहीं किया गया है.


काफ़ी समय से विवाद में चल रहे इस क़ानून को नेश्नल पीपल्स कॉंग्रेस पहले ही पास कर चुकी थी. अब स्टेंडिंग कमेटी से सर्वसम्मति मिलने के बाद यह क़ानून अपनी आख़िरी औपचारिक मंजूरी पा चुका है. दुनिया भर के कई देश और हॉंगकॉंग में चीन की दख़लअंदाज़ी का विरोध करने वाले कुछ संगठन इस क़ानून को हॉंगकॉंग की स्वायत्ता और 'एक देश दो प्रणाली' वाली व्यवस्था का अंत मान रहे हैं.


हालांकि चीन का दावा है कि हॉंगकॉंग का मसला उसका अंदरूनी मसला है और बाहरी ताक़तों को इसमें दख़लअंदाज़ी नहीं करनी चाहिए.


इधर मंगलवार को अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान हॉंगकॉंग की नेता कैरी लैम ने इस क़ानून पर कोई ​टिप्पणी करने से ​इनकार कर दिया था.


यह क़ानून हॉंग कॉंग में गैज़िटेड होने के बाद लागू हो पाएगा और माना जा रहा है कि 1 जुलाई से इसे लागू किया जा सकता है जो कि वही तारीख़ है जब 1997 में ब्रिटेन के तक़रीबन डेढ़ सौ साल उपनिवेश रहने के बाद सिनो-ब्रिटेन ज्वॉइन्ट डिक्लियरेशन के तहत, हॉंगकॉंग को वापस चीन को, लौटाया गया था.

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