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इस्राएली चुनावों में नहीं मिला किसी को बहुमत

इस बार के चुनाव में नेतन्याहू को विपक्षी दलों से कड़ी चुनौती​ मिली है और विपक्षी गठबंधन भी बहुमत से ज्यादा दूर दिखाई नहीं दे रहा. ऐसे में दोनों तरफ के गठबंधन को अरब इस्लामी पार्टी यूनाइटेड अरब लिस्ट के समर्थन की जरूरत है जिसने 120 सदस्यीय इजराइली संसद में मात्र पांच सीट जीती हैं.

- Khidki Desk

इस्राएल में हुए संसदीय चुनावों में बुधवार को करीब 90 प्रतिशत मतों की गिनती के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भविष्य पर अनिश्चतता के बादल मंडराते दिख रहे हैं.


इससे राजनीतिक गतिरोध जारी रहने और अभूतपूर्व रूप से पांचवीं बार चुनाव की आशंका बढ़ गई है. बेंजामिन नेतन्याहू नीत गठबंधन और उनके विरोधी दलों के गठबंधन के बीच अंतर बहुत कम है.


हालांकि नेतन्याहू की पार्टी 30 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन उसके पास संसद की कुल 120 सीटों में से सरकार गठन के लिए 61 सीटों का आंकड़ा नहीं है.


वहीं पांच सीटें जीत चुकी एक अरब इस्लामी पार्टी यूनाइटेड अरब लिस्ट देश के नए प्रधानमंत्री का निर्णय कर सकती है. यूनाइटेड अरब लिस्ट को हिब्रू में राम कहा जाता है.

इस बार के चुनाव में नेतन्याहू को विपक्षी दलों से कड़ी चुनौती​ मिली है और विपक्षी गठबंधन भी बहुमत से ज्यादा दूर दिखाई नहीं दे रहा.


ऐसे में दोनों तरफ के गठबंधन को अरब इस्लामी पार्टी यूनाइटेड अरब लिस्ट के समर्थन की जरूरत है जिसने 120 सदस्यीय इस्राएली संसद में मात्र पांच सीट जीती हैं.


इस्राएल के प्रमुख टीवी चैनलों पर आए एग्जिट पोल्स से भी तकरीबन ऐसा ही संकेत मिला कि नेतन्याहू और उनके विरोधियों को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगी. वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लोग बार बार हो रहे चुनावों से थक चुके हैं.

विश्लेषकों का मानना है कि नेतन्याहू के पुराने सहयोगी के नेतृत्व वाली दक्षिणपंथी यमीना पार्टी फिर से हाथ मिला सकती है. हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने मुखरता से एक-दूसरे का विरोध किया था.


हालांकि नेतन्याहू ने देश को फिर से एक और चुनाव की तरफ ले जाने से बचाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, हमें अब एक स्थायी सरकार बनानी चाहिए.


अगर नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से यमीना की पार्टी भी हाथ मिला लेती है तो उसके पास अभी 59 सीटें हैं जो बहुमत से दो सीटें कम हैं.


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