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इराक़ यात्रा पर पोप फ़्रॉंसिस

पूर्व की दुनिया में चर्चों का जन्मस्थान रहे इराक़ के उनके इस दौरे को एतिहासिक माना जा रहा है जहां से बीते दो दशकों में चरमपंथी उभार और युद्ध के बीच लाखों ईसाईयों को भागना पड़ा है.

- Khidki Desk

ईसाई धर्म के शीर्ष धर्मगुरु पोप फ़्रॉंसिस शुक्रवार को इराक़ की एक यात्रा करने जा रहे हैं.


पूर्व की दुनिया में चर्चों का जन्मस्थान रहे इराक़ के उनके इस दौरे को एतिहासिक माना जा रहा है जहां से पिछले तक़रीबन 20 सालों में 10 लाख से अधिक इसाईयों को पहले अलक़ायदा ​और फिर बाद में इस्लामिक स्टेट के धार्मिक चरमपंथ का शिकार होकर भागना पड़ा है, और इराक़ में उनके अस्तित्व पर ख़तरा छा गया है.


अपनी इस यात्रा में फ़्रॉंसिस बग़दाद, मोसूल और क़राक़ोश शहर में सिकुड़ चुके इसाई समुदाय के लोगों से मिलेंगे.


अल-क़ायदा के चरमपंथी अभियानों में किसी तरह बच गए इसाई समुदाय के दसियों हज़ार लोगों को 2014 के आसपास इस्लामिक स्टेट का प्रभाव बढ़ने के साथ अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा था.


इन लोगों को उत्तरी इराक़ के स्वायत्त कुर्द क्षेत्र, तुर्की, लेबनान और जॉर्डन में शरण तलाशनी पड़ी थी.


इर्बिल शहर में पोप फ़्रॉंसिस की कुर्द अधिकारियों और मध्य इराक़ के तक़रीबन डेढ़ लाख इसाईयों से मिलने की योजना है जिन्हें इस शहर में शरण दी गई है.


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