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Shinzo Abe ने दिया इस्तीफ़ा

मौजूदा दुनिया के क़द्दावर नेताओं में शुमार जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अचानक इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने इसकी वजह अपने स्वास्थ को बताया है. हालांकि जापान में कोरोना वायरस के प्रकोप को संभाल पाने को लेकर शिंजो आबे के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे थे.

- Khidki Desk


जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने ख़राब स्वास्थ्य के चलते अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. वह आठ सालों तक जापान के प्रधानमंत्री रहे.


उन्होंने इस्तीफे के लिए अपनी गिरती सेहत का हवाला देते हुए कहा -

'' मुझे अपनी बीमारी से लड़ने की ज़रूरत थी और इसका इलाज़ होना चाहिए था. और असल में मैं स्वास्थ के लिहाज़ से बेहतर हालत में नहीं था. और अब भी मुझे कई महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय लेने थे. मैं बेहद महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के दौरान कोई ग़लती नहीं कर सकता. पूरे विश्वास के साथ यह करने के लिए मुझे जनता के सहयोग की ज़रूरत थी. क्योंकि मैं ऐसा नहीं कर सकता इसलिए मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दायित्वों को जारी ना रखूं. ''

शिंज़ो आबे को जापान की अर्थव्यवस्था को ऊंचाई पर ले जाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने के लिए जाना जाता है. उनकी लागू की गई ख़ास तरह की आर्थिक नीतियों को आबेनोमिक्स कहा जाता है.


शिंज़ो आबे अगले महीने 66 साल के होने जा रहे हैं. वह अपनी किशोर उम्र से ही अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित हैं. बताया जा रहा है कि कामकाज के दबाव की वजह से उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई है.

इससे पहले भी आबे 2007 में बीमारी और दूसरी कई वजहों से एक बार इस्तीफा दे चुके थे. इस बार भी बीमारी के अलावा कोरोना महामारी से निपटने के उनके तौर-तरीकों पर सवाल उठाए जा रहे थे. उनकी लोकप्रियता भी लगातार गिर रही थी.

इस साल जापान Olymipcs की मेजबानी की भी तैयारियां कर रहा है. ऐसे में शिंज़ो आबे के प्रधानमंत्री पद को छोड़ने की ख़बर ने कुछ आशंकाएं पैदा की हैं. लेकिन आबे ने स्पष्ट किया कि देश के आगामी नेता आॅलंपिक्स की मेजबानी का पूरा ख़्याल रखेंगे. उन्होंने कहा -

''International Olympic Committee, टोक्यो 2020 ऑर्गानाइज़िंग कमेटी और जापान सरकार, हाल ही में बनाए गए रोडमैप पर साथ मिलकर काम करेंगे. बेशक देश के अगले मुखिया का लक्ष्य तैयारियों को जारी रखना, और एक ​मेज़बान देश होने नाते अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करना होगा. हम अपने मक़सद को पूरा करेंगे.''

शिंज़ो आबे 1954 में टोक्यो में राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार में पैदा हुए. उनके पिता देश के विदेश मंत्री थे. उनके दादा और दादा के चाचा दोनों प्रधानमंत्री रह चुके हैं. वह अपने पिता की सीट से 1993 में पहली बार संसद के लिए चुने गए. वह जल्द ही लोकप्रिय हो गए और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी यानी एलडीपी में ऊंचे पद तक पहुंचे. 2006 में वह जापान से सबसे युवा प्रधानमंत्री बने.

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