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व्यंग्य: तो क्या गोयल ने न्यूटन से बदला लिया?

लंबे समय बाद न्यूटन और आइंस्टाइन को चर्चा के केंद्र में ले आने की केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल की रोचक ट्रिक काम कर गई है. ​पीयुष गोयल के बयान के चलते ये दोनों महान वैज्ञानिक ट्वीटर पर टॉप ट्रेंड कर रहे हैं. इस ट्रिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में लोगों की जबरदस्त रचनात्मकता को बाहर आने का भी मौक़ा दिया है. यहां पेश है एक बानगी. - (सं.)

- अरविंद सिंह चौहान



सोलहवीं सदी थी. प्लेग का प्रकोप ज़ोरों पर था. न्यूटन बगीचे में सेब के पेड़ के नीचे लेटे थे कि अचानक एक सेब उनके ऊपर टपक पड़ा और न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज कर दी. इतना तो हम सबने पढ़ा था.

लेकिन मैं ये सोच रहा था कि न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज तो कर दी लेकिन उस महान सेब का क्या हुआ होगा? क्या न्यूटन ने वो सेब खाया होगा, या फेंक दिया होगा, या संभालकर रखा होगा?

तीनों ही स्थितियां, कंफ्यूज़ करने वाली हैं. कह नहीं सकते कि वास्तव में उस महान सेब का क्या हुआ होगा जिसने दुनिया को इतनी महान खोज से रूबरू करवाया.

लेकिन जब आज मंत्री जी को सुना तो अनायास वो सेब फिर दिमाग मे घूमने लगा और बार-बार पूछने लगा कि 'बता मेरे साथ क्या हुआ था'?

दरअसल हुआ यूं कि न्यूटन साहब उस महान सेब के साथ कोई ज्यादती नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने उस महान सेब को एस्केप वेलोसिटी से ऊपर की ओर उछाल दिया. लेकिन सेब की किस्मत कहिए या न्यूटन साहब की एस्केप वेलोसिटी में गणना में उनींदे में सूक्ष्म चूक, कि वह महान सेब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र को पार करने से चूक गया और इतने सालों बाद आकर सीधे मंत्री महोदय के सिर पर गिरा.


सिर चकरा गया होगा और मंत्री साहब ने न्यूटन से बदला लेने के लिए गुरुत्वाकर्षण का श्रेय बदलकर आइंस्टीन साहब को दे दिया.

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