तारों की बरसात होगी आज रात
आज चांद देर से उगेगा. रात काली होगी. रात के धुप्प गहरे आसमान में तारे और उभर कर सामने आएंगे और ऐसे में तारों की बरसात जादू बिख़ेर देगी. आप इसके गवाह बन सकते हैं.
- Khidki Desk

अगर आप झिलमिलाते बूटों वाला रात का ख़ूबसूरत आसमान देखने के शौक़ीन हैं, तो आज की रात आपके लिए बेहद ख़ास है. आज गिरते तारों की बरसात बरसात होने वाली है. इस अद्भुत् शो को देखने का कोई टिकट नहीं लगना और ना ही महंगे दूरबीनों/टेलिस्कोंपों की ज़रूरत होगी. बस उस संयोग का इंतज़ार कीजिए कि आपके हिस्से के आसमान में बादल ना हों, और रात होते ही लेट जाएं किसी पार्क में, अपने घर की छत पर या कहीं पर भी जहां से साफ़ आसमान दिखता हो. यह बरसात हर उस जगह से दिखाई देगी और इस घटना की ख़ूबसूरती का चरम समय होगा रात के दो बजे के बाद.
पृथ्वी के वायुमंडल में इस परिघटना को 'जेमिनिड्स' कहते हैं. लोकप्रिय शब्दावली में इसे हालांकि 'तारों का टूटना' कहते हैं लेकिन असल में यह तारों का टूटना है नहीं. तारे टूटते नहीं. वे ऐसे नहीं टूट सकते. तारे हमारे सूर्य जितने या उससे भी विशाल हैं. यह असल में ब्रह्माण्ड में मौजूद असंख्य उल्कापिंडों में से कुछ हैं जो पृथ्वी के ग्रुत्वाकर्षण के संपर्क में आते ही तेज़ी से इसकी सतह की ओर बढ़ने लगते हैं. इस परिघटना में पृथ्वी के वायुमंडल से इनके घर्षण से जो उष्मा पैदा होती है उससे जलकर अधिकतर यह पृथ्वी के वायुमंडल में ही ख़ाक हो जाते हैं. कई बार कुछ बड़े उल्कापिंड पृथ्वी की सतह तक भी पहुंच जाते हैं.
आज चांद देर से उगेगा. रात काली होगी. रात के धुप्प गहरे आसमान में तारे और उभर कर सामने आएंगे और ऐसे में तारों की बरसात जादू बिख़ेर देगी. आप इसके गवाह बन सकते हैं.
उल्कापात की यह घटना हर साल होती है. पृथ्वी के जीवन में यह एक रुटीन का हिस्सा है. दिसम्बर में पृथ्वी अपनी कक्षा में घूमते हुए एक एस्टोरॉइड की कक्षा से क्रॉस करती है. ऐसे में उसके कुछ कण, जो कि बड़े बड़े उल्कापिंड है पृथ्वी के ग्रुत्वाकर्षण के संपर्क में आ जाते हैं और पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल में जल उठते हैं और पृथ्वीवासियों के लिए रोचक नज़ारा रचते हैं.