सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला, हिंदू पक्ष को मिली विवादित ज़मीन
इस फ़ैसले में सर्वोच्च अदालत ने जो मुख्य बातें कही हैं उनके मुताबिक़ 1992 में ढहा दी गई बाबरी मस्ज़िद के मुख्य गुंबदों वाली जगह को हिंदू पक्ष को दे दिया गया है. इसके अलावा अदालत ने कहा है कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्ज़िद बनाने के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक ज़मीन किसी अन्य उपयुक्त जगह पर दी जाए.

देश के सबसे विवादित मामले पर 40 दिनों तक चली सुनवाई के बाद 5 न्यायाधीशों की बेंच ने बाबरी मस्ज़िद और राम जन्मभूमि विवाद पर अपना फ़ैसला सुना दिया है. दशकों से यह भारत में सबसे बड़े विवाद का विषय था.
इस फ़ैसले में सर्वोच्च अदालत ने जो मुख्य बातें कही हैं उनके मुताबिक़ 1992 में ढहा दी गई बाबरी मस्ज़िद के मुख्य गुंबदों वाली जगह को हिंदू पक्ष को दे दिया गया है. इसके अलावा अदालत ने कहा है कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्ज़िद बनाने के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक ज़मीन किसी अन्य उपयुक्त जगह पर दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि तीन महीने के भीतर अयोध्या पर एक कार्ययोजना तैयार की जाए. गोपाल विशारद जो कि एक पक्षकार हैं उन्हें पूजापाठ का अधिकार दिया गया है.
कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को ख़ारिज़ कर दिया है हालांकि केंद्र पर यह निर्भर करेगा कि उसे मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा कि नहीं. विवादित ज़मीन पर शिया वक़्फ़ बोर्ड के दावे को भी ख़ारिज़ कर दिया गया है. कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि बाबरी मस्ज़िद के नीचे एक ग़ैर इस्लामिक संरचना पाई गई थी.