top of page

Syria गृहयुद्ध : ​ग़ायब दसियों हज़ार लोग

​बीते दस सालों से गृहयुद्ध झेल रहे सीरिया के हालात की पड़ताल के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की ओर से गठित एक कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दसियों हज़ार लोग लापता हैं और अकल्पनीय यातनाओं से गुजरे हैं. इसे एक 'नैश्नल ट्रॉमा' बताते हुए कमिशन ने कहा है कि इस तरफ़ ध्यान दिया जाना चाहिए.

- Khidki Desk

संयुक्त राष्ट्र की ओर से गठित UN Commission of Inquiry on the Syrian Arab Republic की एक नई जांच रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले 10 सालों में सीरिया में गृहयुद्ध के दौरान मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए दसियों हज़ार लोग अब तक ग़ायब हैं.


सीरियाई गृहयुद्ध में शामिल सभी धड़ों की ओर से किए गए युद्ध अपराधों और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों की पड़ताल करती इस रिपोर्ट के मुताबिक़ हज़ारों लोगों को हिरासत में या तो भयानक यातनाएं दी गईं या उन्हें मार डाला गया.


इन यातनाओं के शिकार लोगों या गवाहों के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा है कि इस दौर में सीरियाई नागरिक अकल्पनीय यातनाओं से गुजरे हैं, जिनमें लड़कियों और छोटे बच्चों के बलात्कार की घटनाएं भी शामिल हैं.


रिपोर्ट में इन मसले को एक 'नैश्नल ट्रॉमा' कहा गया है, और कहा गया है कि इस नैश्नल ट्रामा को एड्रेस किया जाना चाहिए.


सीरिया में मार्च 2011 में उस वक़्त बिगड़ने शुरू हुए थे जब शांतिपूर्ण सरकार विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार ने हिंसक द​​मनपूर्ण क़दम उठाया जिसमें कई लोगों की जानें चली गई थी. इसके बाद से सीरिया में गृहयुद्ध के हालात पैदा हो गए.


इसमें कम से कम 3 लाख 80 हज़ार लोगों की मौत हो गई और देश की आधी आबादी को अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा जिनमें से तकरीबन 60 लाख लोग यूरोप और दूसरे देशों में शरण तलाश रहे हैं.


UNHRC के इस स्वतंत्र कमिशन की यह रिपोर्ट 2650 से अधिक लोगों के साक्षात्कार और 100 से अधिक डिटेंशन सेंटर्स की जांच पर आधारित है.


इस रिपोर्ट के मु​ताबिक़ सीरिया के मौजूदा गृहयुद्ध में शामिल हर एक महत्वपूर्ण गुट मानवाधिकारों के उल्लंघन और युद्ध अपराध में शामिल है.


जहां एक ओर इस रिपोर्ट में संयुक्तराष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित, हयात तहरीर अल शाम और इस्लामिक स्टेट के अपराधों की पड़ताल है तो वहीं यह रिपोर्ट सरकार, हथियार बंद समूहों जैसे फ्री सीरियन आर्मी, ​सीरियन नेश्नल आर्मी और सीरियन डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज़ की ओर से व्यापक स्तर पर किए गए डिटेंशन, अपहरणों जैसे अपराधों और दमन की भी पड़ताल करती है.


कमिशन के प्रमुख, पाउलो पिन्हेरियो का कहना है, ''सरकारी सेनाओं ने मनमाने तौर पर राजनीतिक विरोधियों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों की ग़िरफ्तारियां कीं, यह मौजूदा हालात की बुनियादी वजह बना और इसने सीरिया में इन हालात को बढ़ावा दिया. सभी हथियारबंद समूहों और संयुक्तराष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित संगठनों ने लोगों से उनकी आज़ादी छीन ली और उनके ख़िलाफ़ जघन्य अपराध किये.''




bottom of page