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सीरियाई सेना ने किया अस्पताल पर हमला

सी​रिया में विद्रोहियों के क़ब्जे वाले उत्तर पश्चिमी इलाके एलेप्पो में रविवार को सरकारी सेना की ओर से एक अस्पताल पर गोले बरसाए जाने के बाद वहां इलाज करा रहे छह लोगों की जान चली गई, साथ ही कई स्वास्थ्यकर्मी घायल बताए जा रहे हैं. इस इलाक़े में पिछले साल से लागू रूस-तुर्की युद्धविराम समझौते के बावजूद यह हमला हुआ है. हाल के समय में सीरिया में रूस समर्थित सीरियाई सरकार की सेना की ओर से अस्पतालों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में इज़ाफ़ा देखा गया है.

- Khidki Desk

सीरिया में सरकारी सेना ने पश्चिमी एलेप्पो के विद्रोहियों के कब्जे वाले अतारेब कस्बे में एक अस्पताल पर गोले बरसाए जिसमें एक बच्चे समेत कम से कम छह मरीजों की मौत हो गई और कई स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए.


घायलों में चार की हालत गंभीर है. सीरियन अमेरिकन मेडिकल सोसाइटी यानी SAMS ने बताया कि हमले में पांच चिकित्सा कर्मियों समेत 17 लोग घायल हुए हैं.


अस्पताल का संचालन कर रहे बचावकर्मियों और कार्यकर्ताओं के एक समूह International Rescue Committee (IRC) ने जानकारी दी कि हमला अचानक से रविवार को हुआ. उत्तर-पश्चिमी सीरिया में IRC की country director Rehana Zawar ने कहा कि इलाके के के एक लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले इस अस्पताल को बंद करना पड़ा.


यह हमला तब हुआ है, जबकि विद्रोहियों के नियंत्रण वाले सीरिया के उत्तर पश्चिमी इलाके में मार्च 2020 से रूस—तुर्की युद्धविराम अमल में है.

इस साल स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े किसी प्रतिष्ठान पर हमले का यह पांचवां मामला है. इसके साथ ही जनवरी 2019 से ऐसे हमलों की तादाद 118 पहंच गई. Rehana Zawar ने कहा कि संकट के वक्त स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली जगहों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुरक्षा मिली होनी चाहिए.


लेकिन सीरिया में दस सालों से जारी युद्ध में ऐसा देखने को नहीं मिला. Physicians for Human Rights ने युद्ध की शुरुआत से ही स्वास्थ्य सेवाओं पर हमलों के 600 मामले दर्ज किए हैं.


सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में राहत कार्य चलाने वाले स्वयंसेवी समूह the White Helmets का कहना है कि यह हमला सीरिया की सरकार और उसके पीछे खड़े रूस की उस सोची-समझी नीति का ही विस्तार है, जिसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों को निशाना बनाया जाता रहा है.


इस महीने की शुरुआत में ही IRC की जारी एक रिपोर्ट में साफ हो गया था कि सीरिया में जारी जंग से अस्पताल कैसे पनाह लेने की जगह से खतरनाक जगह में तब्दील हो गए हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में काम कर रहे तकरीबन 70 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी देश छोड़ चुके हैं.


अब दस हजार सीरियाई नागरिकों पर महज एक डॉक्टर बचा है. यूएन का कहना है कि देश में सिर्फ 58 फीसदी अस्पताल ही काम कर रहे हैं.


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