कोरोना के बीच कावासाकी का ख़तरा
विश्व स्वास्थ संगठन, यूरोप और अमेरिका में बच्चों में उभर रहे एक और दुर्लभ रोग कावासाकी के कोरोनावायरस के साथ संभावित संबंध की पड़ताल कर रहा है. बीते हफ़्तों में कई देशों में इस तरह के मामले सामने हैं जिनमें बच्चों में बेहद दुर्लभ कावासाकी सिंड्रोम की तरह के लक्षण देखे गए हैं. विश्व स्वास्थ संगठन की वर्चुअल प्रेस ब्रीफ़िंग में संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसेस ने इसका ज़िक्र करते हुए दुनिया भर के स्वास्थ महकमे से इसे लेकर सतर्क होने की अपील की है.
- Khidki Desk

कारोना वायरस के संक्रमण के बीच कई दूसरी बीमारियों के उभरने की आशंकाओं पर विशेषज्ञ शुरूआत से ही चेतावनी देते रहे हैं. इनमें मानसिक स्वास्थ और दूसरी बीमारियों की आशंकाएं हैं. लेकिन अब यूरोप और अमेरिका में बेहद दुर्लभ मानी जाने वाली कावासाकी के लक्षणों को दर्ज किया गया है और आशंका यह भी है कि इसका कोरोना से संबंध हो सकता है. जानकारों के मुताबिक़ इस बीमारी से सबसे ज़्यादा ख़तरा बच्चों को है, क्योंकि बच्चों में इस बीमारी के लक्षण मिलने की दर सबसे ज़्यादा है. शुक्रवार को फ्रांस में एक डॉक्टर ने बताया कि एक 9 साल के बच्चे की, इसी सिंड्रोम के लक्षणों के चलते मौत हो गई थी. वह बच्चा कोरोनावायरस से भी संक्रमित था. फ्रांस की सार्वजनिक स्वास्थ ऐजेंसी के मुताबिक़ अब तक फ्रांस में ऐसी ही 125 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें मरीज़ों की उम्र एक साल से लेकर चौदह साल तक की है. इसी तरह लंदन के एक अस्पताल में भी इस बीमारी के लक्षणों के साथ बुधवार को एक 14 साल के बच्चे की मौत हो गई. यह बच्चा भी कोरोना पॉज़िटिव पाया गया था. अमेरिका में न्यूयॉर्क के गवर्नर एन्ड्रयू कुओमो ने भी मंगलवार को बताया था कि वहां भी तीन बच्चों की मौत इसी तरह के लक्षणों के चलते हुई थी और 100 और ऐसे मामलों की पड़ताल की जा रही है. कावासाकी के लक्षणों के कई मामलों के सामने आने के बाद शुक्रवार को विश्व स्वास्थ संगठन की वर्चुअल प्रेस ब्रीफ़िंग में संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसेस ने कहा, कि विश्व स्वास्थ संगठन, यूरोप और अमेरिका में बच्चों में उभर रहे इस दुर्लभ रोग के कोरोनावायरस के साथ संभावित संबंध की पड़ताल कर रहा है. ''शुरूआती रिपोर्टस् का अनुमान है कि इस सिंड्रोम का कोविड—19 से संबंध हो सकता है. इस क्लिनिकल सिंड्रोम को जल्द से जल्द और सावधानी पूर्वक पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि इससे होने वाले नुक़सान को समझा जा सके और इसके उपचार को बताया जा सके।'' टेड्रोस ने यह भी बताया कि WHO ने शुरूआती मामलों का अध्ययन किया है जिससे पता चला है कि इस बीमारी ने बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम को दोगुना कर दिया है। संगठन ने दुनिया भर के स्वास्थ महकमे को इस सिंड्रोम को बेहतर तरीक़े से समझने के लिए सचेत रहने की अपील की है। हालांकि WHO का कहना है कि अभी दोनों बीमारियों के बीच क्या संबंध स्पष्ट रूप से नहीं स्थापित हो सका है. क्योंकि कुछ और बच्चों में भी यही सिंड्रोम दर्ज किया गया है जिन्हें कोरोना संक्रमण नहीं हुआ था. इसी प्रेस ब्रीफ़ में ही WHO की आपातकालीन सेवाओं के प्रमुख माइकल र् यान ने कहा कि चाहे यह सिंड्रोम कोविड—19 से संबंधित हो लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि उसी के कारण पैदा हुआ हो. उन्होंने कहा कि आम तौर पर यह एक बेहद दुर्लभी बीमारी है.