समुद्र में बरक़रार ट्रैफ़िक जाम, विश्व व्यापार को झटका
विश्व व्यापार की रीढ़ के रूप में मशहूर स्वेज़ नहर दुनिया की मुख्य समुद्री क्रॉसिंग में से एक है. इससे दुनिया के कुल क़ारोबार का 12 फ़ीसदी माल गुज़रता है. जाम में कई कार्गो के फंस जाने से कच्चे तेल की क़ीमतों में उछाल आया है.
-Khidki Desk

मिस्र की स्वेज़ नहर में तीन दिन से फंसे विशालकाय शिप को अब तक नहीं निकाला जा सका है. इसके चलते लंबा ट्रैफ़िक जाम हो गया है और विश्व व्यापार को भारी नुक़सान उठाना पड़ा है और तेल की क़ीमतों में इजाफ़ा हो गया है.
स्वेज़ नहर मिस्र में स्थित 193 किलोमीटर लंबी नहर है जो कि भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है. यह एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री लिंक है. इस नहर से जाने पर एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले जहाज़ को तक़रीबन 9 हजार किलोमीटर की कम दूरी तय करनी पड़ती है. यह कुल दूरी का 43 फ़ीसदी हिस्सा है.
दुनिया के सबसे विशाल मालवाहक कंटेनर जहाज़ में से एक एवरग्रीन के स्वेज़ नहर में फंसने से लाल सागर और भूमध्य सागर में ट्रैफिक जाम हो गया है.
विश्व व्यापार की रीढ़ के रूप में मशहूर स्वेज़ नहर दुनिया की मुख्य समुद्री क्रॉसिंग में से एक है. इससे दुनिया के कुल क़ारोबार का 12 फ़ीसदी माल गुज़रता है. जाम में कई कार्गो के फंस जाने से कच्चे तेल की क़ीमतों में उछाल आया है. कई देशों में पेट्रोलियम पदार्थों की डिलवरी में देरी हो रही है. ट्रैफिक जाम में कम से कम 10 क्रूड ट्रैकर फंसे हैं, जिनमें 13 मिलियन बैरल कच्चा तेल लदा है.
स्वेज नजर में हर दिन 50 जहाज़ आवाजाही करते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए अगर कोई दूसरा रुट पकड़ा भी जाता है तो फिर मिडिल ईस्ट-यूरोप की यात्रा में 15 दिन की और देरी हो जाएगी.
इन जहाज़ों पर अनाज, सीमेंट जैसे ड्राई प्रॉडक्ट भी लदे हैं, वहीं टैंकरों में पेट्रोलियम उत्पाद भरे हैं. समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक़ पशुधन और पानी के टैंकर ले जाने वाले आठ जहाज भी फंसे हुए हैं. नहर से हर दिन 9.5 अरब डॉलर मूल्य के मालवाहक जहाज़ गुजरते हैं. इनमें से लगभग पांच अरब डॉलर के जहाज़ पश्चिम को और 4.5 अरब डॉलर पूरब को जाते हैं.