Suez Canal में खुला Traffic Jam
क़ाफ़ी मशक्क़त के बाद सोमवार को, समुद्र में आए ज्वार से बढ़े पानी की मदद से स्वेज़ नहर अथॉरिटी को इस फंसे जहाज़ को निकाल पाना संभव हो सका. इससे उन जहाज़ों के फिर से चल पड़ने का रास्ता खुल गया है और विश्व व्यापार को राहत मिली है.
- Khidki Desk
पिछले हफ़्ते मंगलवार को तेज़ हवाओं से जूझता 400 मीटर लंबा जहाज़, तिरछा होकर स्वेज़ नहर में फंस गया था जिससे वहां ट्रैफ़िक जाम हो गया. इस जाम में विश्वव्यापार के तक़रीबन 12 फ़ीसद हिस्सेदारी करने वाले 367 मालवाहक जहाज़ फंस गए थे.
क़ाफ़ी मशक्क़त के बाद सोमवार को, समुद्र में आए ज्वार से बढ़े पानी की मदद से स्वेज़ नहर अथॉरिटी को इस फंसे जहाज़ को निकाल पाना संभव हो सका. इससे उन जहाज़ों के फिर से चल पड़ने का रास्ता खुल गया है और विश्व व्यापार को राहत मिली है.
मिस्र के एक स्थानीय टीवी चैनल ExtraNews की फ़ुटेज़ में देखा जा सकता है कि कैसे टग बोट्स की मदद से इस जहाज़ को धीमे धीमे सीधा किया जा रहा है.
स्वेज़ कैनाल अथॉरिटी यानि SCA की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ''SCA के अध्यक्ष, एडमिरल ओसामा राबी घोषणा करते हैं कि कि SCA की ओर से विशाल पैनामेनियन कंटेनर शिप EVER GIVEN को सफ़लतापूर्वक रेस्क्यू और रिफ़्लोट कर दिए जाने से अब स्वेज़ कैनाल में मैरीटाइन ट्रैफ़िक दोबारा से खुल गया है.''
स्वेज़ नहर मिस्र में मौजूद 193 किलोमीटर लंबी नहर है जो कि भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है. यह एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री लिंक है. इस मानवनिर्मित नहर के बनने से पहले जहाज़ों को 9 हज़ार किलोमीटर का अतिरिक्त सफ़र तय करना पड़ता था.
बीते हफ़्ते लगे जाम से कई कार्गो शिप्स के फंस जाने से कच्चे तेल और दूसरे सामानों की क़ीमतों में उछाल आ गया था. जहां इन जहाज़ों में अनाज, सीमेंट जैसे ड्राई प्रॉडक्ट लदे हुए हैं, वहीं टैंकरों में पेट्रोलियम उत्पाद भरे हैं.
स्वेज़ नहर में हर दिन तक़रीबन 50 जहाज़ आवाजाही करते हैं जिनसे तक़रीबन 9.5 अरब डॉलर का कारोबार होता है. इनमें से लगभग पांच अरब डॉलर के जहाज़ पश्चिम की ओर जबकि 4.5 अरब डॉलर पूरब की ओर जाते हैं.