ट्रम्प ने कोरोना को लेकर जानबूझकर बरती लापरवाही

अमेरिकी पत्रकार Bob Woodward की जल्द ही एक नई किताब आ रही है. नाम है रेज. अमेरिकी अख़बार The Washington Post में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इस किताब में Woodward ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प शुरूआत से ही जानते थे कि कोरोनावायरस बेहद 'प्राणघातक' और किसी भी भयानक फ़्लू से कई ज़्यादा ख़तरनाक रोग है, लेकिन बावज़ूद इसके उन्होंने जानबूझ कर फ़रवरी और मार्च के महीनों में अमेरिकी जनता को इसके ख़तरों के बारे में गुमराह किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प से हुई रिकॉर्डेड बातचीत के हवाले से Woodward ने यह बात लिखी है.
Woodward ने दिसम्बर 2019 से लेकर जुलाई 2020 तक राष्ट्रपति ट्रम्प के 18 साक्षात्कार लिए थे. Rage नाम से आ रही उनकी यह किताब इन्ही साक्षात्कारों पर आधारित है.
ट्रम्प ने Woodward के के साथ इस रिकॉर्डेड इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने कोरोना के ख़तरों को इसलिए जानबूझ कर कम बता कर पेश किया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि लोगों में इसके चलते अफ़रा तफ़री मचे.
रिपोर्ट के मुताबिक़ 7 फ़रवरी को एक टैलीफ़ोनिक बातचीत में ट्रम्प ने Woodward से कहा था,
''आप बस सांस लेते हैं और यह उससे फैलने लगता है. और इसलिए यह बेहद मुश्किल है. यह बेहद नाज़ुक मामला है. यह किसी भी सबसे भयानक फ़्लू से ज़्यादा प्राणघातक है. यह बेहद प्राणघातक चीज़ है.''
Woodward की इस किताब के मुताबिक़, 28 जनवरी को ट्रम्प ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Robert O'Brien से एक इंटेलिजेंस ब्रीफ़िंग ली थी जिसमें उन्हें कोरोनावायरस के बारे में यह जानकारियां मुहैया कराई गई थी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Robert O'Brien ने ट्रम्प से कहा था ,
''यह आपके कार्यकाल के दौर का सबसे बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा ख़तरा रहेगा. यह आपके सामने आने वाली सबसे मुश्किल चुनौती है.''
ट्रम्प अब तक चीन पर जानबूझ कर कोरोनावायरस से जुड़ी जानकारियों को छिपाने और दुनिया में कोरोनावायरस को फैलने देने के आरोप लगाते रहे हैं. अमेरिका में कोरोनावायरस के फैले जबरदस्त प्रकोप के लिए भी ट्रम्प चीन पर ही दोष मढ़ते रहे. जब WHO ने कोरोनावायरस की पड़ताल में चीन के सहयोग की तारीफ़ की तो उन्होंने WHO से भी इसी दावे के साथ नाता तोड़ लिया था कि वह चीन की पीआर ऐजेंसी की तरह काम कर रहा है.
लेकिन इस किताब में किए गए दावों ने फिर एकबार बताया है कि ट्रम्प को कोरोनावायरस की भयावहता के बारे में पहले ही जानकारियां मुहैया कराई गई थी लेकिन वे अपनी लापरवाहियों के चलते अमेरिका में इसके प्रकोप को रोकने में क़ामयाब नहीं हुए. अमेरिकी ऐजेंसियों की चेतावनियों को भी उन्होंने अनदेखा किया.