उत्तराखंड: डबल इंजन में अवैध शराब
देहरादून, राज्य की सरकार का मुख्यालय है, जहां पूरा प्रशासनिक अमला बैठता है. वहां धड़ल्ले से ज़हरीली शराब बिक रही थी. लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ, तब जांच, कार्यवाही जैसे जुमले उछाले जा रहे हैं. जबकि अवैध शराब का कारोबार तो अरसे से बेधड़क चलता हुआ बताया जा रहा है.
-इन्द्रेश मैखुरी

देहरादून में ज़हरीली शराब से 6 लोगों की मौत हो गयी. इसी साल फरवरी में रुड़की में ज़हरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी.
देहरादून, राज्य की सरकार का मुख्यालय है, जहां पूरा प्रशासनिक अमला बैठता है. वहां धड़ल्ले से ज़हरीली शराब बिक रही थी. लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ, तब जांच, कार्यवाही जैसे जुमले उछाले जा रहे हैं. जबकि अवैध शराब का कारोबार तो अरसे से बेधड़क चलता हुआ बताया जा रहा है.
त्रिवेंद्र रावत सरकार का सारा जोर तो शराब की बिक्री पर ही है.शराब की फैक्ट्री सरकार लगवा चुकी है, सरकार बनने के तुरंत बाद सबसे शुरुआती कामों में शराब के सरकारी ठेकों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना भी एक काम था. जिस सरकार का एकमात्र एजेंडा शराब बेचना है, वह लोगों की सेहत के लिए न सही, अपनी सरकारी शराब की बिक्री के लिए तो अवैध शराब पर नकेल कस ही सकती थी.
इस अवैध शराब के कारोबार का सरगना जिस घोंचू नाम के व्यक्ति को बताया जा रहा है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि वह भी भाजपा से जुड़ा है. शक्तिमान पर लट्ठ प्रदर्शन करने वाले महाशक्तिमान विधायक जी का वह खास आदमी बताया जा रहा है.
कुल मिलाकर तस्वीर यह है भाजपा सरकार, सरकारी शराब बेचने पर पूरा ज़ोर लगाएगी और अवैध शराब बेचने में भी भाजपा के ही लोगों की संलिप्तता उजागर होगी! राज्य में संभवतः यह प्रचंड बहुमत सरकारी और अवैध शराब के कारोबार के लिए ही मिला है! विकास का डबल इंजन तो कहीं दिखता नहीं पर सरकारी और अवैध शराब का इंजन सरपट दौड़ता और लोगों की जिंदगियां रौंदता जरूर नजर आ रहा है.