पुतिन का कार्यकाल बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन पर मतदान
अगर यह संशोधन पास कर लिया जाता है तो रूसी राष्ट्रपति के कार्यकाल की कोई भी अधिकतम सीमा नहीं रह जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि रूसी राजनीति में क़ाफ़ी हद तक तरह क़ब्ज़ा रखने वाले 67 साल के व्लैदिमिर पुतिन फिर चुनाव लड़ सकेंगे और उनका कार्यकाल 2036 तक बढ़ जाएगा.
- Khidki Desk

अपने कार्यकाल को 2024 के बाद भी आगे बढ़ाए जा सकने के लिए रूस के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव लेकर आए राष्ट्रपति व्लैदिमिर पुतिन ने कहा है कि इसके लिए मतदान अब 1 जुलाई को किया जाएगा. कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते इस मतदान की तिथि को टालना पड़ा था. लेकिन सोमवार को रूस के स्वास्थ मंत्रालय की ओर से जब यह घोषणा की गई कि कोरोनावायरस के प्रकोप का चरम अब पार किया जा चुका है, तो स्वास्थ और चनाव महकमें के अधिकारियों के बाद पुतिन ने इस संशोधन के लिए मतदान की तारीख पेश कर दी है.
मौजूदा क़ानूनों के मुताबिक पुतिन अपने इस चौथे कार्यकाल के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं. लेकिन अगर यह संशोधन पास कर लिया जाता है तो रूसी राष्ट्रपति के कार्यकाल की कोई भी अधिकतम सीमा नहीं रह जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि रूसी राजनीति में क़ाफ़ी हद तक तरह क़ब्ज़ा रखने वाले 67 साल के व्लैदिमिर पुतिन फिर चुनाव लड़ सकेंगे और उनका कार्यकाल 2036 तक बढ़ जाएगा.
राष्ट्रपति पुतिन जनवरी में अचानक इस संवैधानिक संशोधन के साथ ही कुछ और ऐस आश्चर्यजनक संशोधन लेकर आए थे. हालांकि विपक्षी नेता कोंगोव सोबोल ने जुलाई में इस मतदान को कराये जाने की निंदा है, और उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि
"यह हमारे देश का मूल कानून के साथ छेड़-छाड़ करना है, देश का कानून कोई सर्कस नही है"
हालांकि रूस के स्वास्थ महकमे ने रूस में कोरोनावायरस के प्रकोप के चरम के अब पार हो जाने की बात कही है लेकिन अमेरिका और ब्राज़ील के बाद दुनिया भर में तीसरे नंबर पर कोरोना संक्रमण का प्रकोप झेल रहे यूरोप में अब भी हर रोज़ संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं. सोमवार को रूस में कुल 9,035 नए लोग संक्रमित हुए जिसके बाद कुल संक्रमण की संख्या 4,14,878 तक पहुँच गयी है. यहां अब तक 4,855 लोगों की मौत हुई है.