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'परमाणु समझौते पर 'पूरी तरह' वापस लौटे ईरान' : पश्चिमी देशों की अपील

ईरान को चेतावनी दी गई है कि ये देश उसके ख़िलाफ़ गंभीर कार्रवाई कर सकते हैं और कहा गया है कि ये देश चाहते हैं कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते पूरी तरह से वापस लौटे.

- Khidki Desk

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यूरोपीय देशों और अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र की न्यूक्लेयर एजेंसी की जांच को सीमित करने की उसकी कोशिश उसके लिए बेहद ख़तरनाक़ साबित होगी. इन देशों ने ईरान पर ​2015 के परमाणु क़रार पर पूरी तरह से वापस लौटने का भी दबाव बनाया है.


E3 यानि यूरोप के तीन देशों फ़्रांस, जर्मनी और ​युनाइटेड किंग्डम, के विदेशमंत्रियों ने, ईरान और मध्यपूर्व के ​इलाके में सुरक्षा के मसलों पर चर्चा करने के लिए, गुरूवार को पेरिस में ​मुलाक़ात की. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन विडियो कॉंफ्रेंसिंग के ​ज़रिए शामिल हुए.


इस बैठक के बाद जारी एक साझा बयान में कहा गया है, ''ईरान को लेकर E3 और अमेरिका ने परमाणु अप्रसार व्यवस्था को बनाए रखने के अपने साझा बुनियादी हितों को ज़ाहिर किया है और यह प्रतिबद्धता जाहिर की है कि ईरान कभी भी कोई परमाणु हथियार ना बना सके.''


इस बयान में ईरान को चेतावनी दी गई है कि ये देश उसके ख़िलाफ़ गंभीर कार्रवाई कर सकते हैं और कहा गया है कि ये देश चाहते हैं कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते पूरी तरह से वापस लौटे.


चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने ईरान में हाल में हुए घटनाक्रमों पर गंभीर चिंता जताई है, जिसमें ईरान ने अपने यूरेनियम भंडारण के लक्ष्य का 20 प्रतिशत हासिल कर लिया है और यूरेनियम मैटल बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी है.


अमेरिका में सत्ता में हुए बदलाव के बाद यह दूसरा मौक़ा है जब अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ चर्चा की है. ट्रम्प हुक़ूमत के दौरान 2018 में अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से हाथ वापस खींच लेने के बाद अब नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संकेत दिए हैं कि वह इस परमाणु समझौते पर फिर वापस लौट सकता है.

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