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ब्राज़ील में चल क्या रहा है?

कोरोना वायरस की भयानक तबाही झेल रहे ब्राज़ील की संघीय पुलिस ने राष्ट्रपति जैयर बोलसोनारो के राजनीतिक विरोधी, और रियो डी जनेरियो के गवर्नर विल्सन विट्ज़ेल के आवास पर छापा मारा है. कोरोना संक्रमण के उभार पा कर भयानक प्रकोप बन जाने के बीच, केंद्र और राज्यों के बीच जो तनातनी ब्राज़ील में चल रही है, इन हालातों में संघीय पुलिस के इस क़दम के राजनीति से प्रेरित होने के आरोप लग रहे हैं. इधर एक नया अध्ययन के मुताबिक विश्वस्वास्थ संगठन ने कहा है कि ब्राज़ील में अगस्त की शुरूआत तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख 25 हज़ार तक जा पहुंचेगा.

- Khidki Desk



पुलिस के बयान के मुताबिक़, रियो डी जनेरियो के गवर्नर विल्सन विट्ज़ेल के आवास पर सर्च वॉरेंट लेकर पहुंची संघीय पुलिस का मक़सद एक भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना था. विट्ज़ेल पर आरोप लगाया गया है कि रियो डी जेनेरियो राज्य में कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए हुए सार्वजनिक धन के उपयोग में भ्रष्टाचार हुआ है. हालांकि बताया जा रहा है कि यह केवल सर्च वारंट था और विल्सन विट्ज़ेल गिरफ़्तारी नही की गयी है.


इधर विल्सन विट्जेल ने अपना बचाव किया है और कहा है कि वह निर्दोष हैं. उन्होंने राष्ट्रपति बोलसोनारों पर जांच में हस्तक्षेप करने और दबाव बनाने का लगाया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में राष्ट्रपति बोलसोनारो और उनके सहयोगियों ने जिस तरह की पोस्ट इस छापे को लेकर पहले ही डाल दी हैं, उससे पता चलता है कि बोलसोनारो और उनकी पार्टी के नेताओं को पहले से ही इस छापे के बारे में जानकारी थी. और राजनीतिक हित साधने के लिए इसे जानबूझकर लीक भी किया गया, ताकि उनके ख़िलाफ़ झूठी कहानी गढ़ी जा सके.


इस ख़बर के साथ ही बीते दिनों के ब्राज़ील के घटनाक्रमों पर एक नज़र डालना ज़रूरी हो जाता है. राष्ट्रपति बोलसोनारो कोरानावायरस को मामूली फ़्लू बताते हुए देश में लॉकडाउन का शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. कुछ समय पहले ब्राज़ील की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में दख़ल देते हुए सामाजिक दूरी के नियमों को लागू करने का अधिकार स्थानीय प्रशासन को दे दिया था. इसके बाद राज्यों के गवर्नरों ने अपने अपने राज्यों में लॉकडाउन लगाया जिसका राष्ट्रपति बोलसोनारो ने ना सिर्फ़ विरोध किया बल्कि वे कई मौक़ों पर अपने समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए और लॉकडाउन के नियमों का मखौल उड़ाते दिखे। कुछ दिन वे अपने समर्थकों के साथ बिना मास्क के सेल्फ़ी लेते हुए देखे गए थे।


राष्ट्रपति बोलसोनारो के इस रवैये के बाद ब्राज़ील में कोरोना वायरस का प्रकोप भयानक तरह से उभरा है. ब्राज़ील संक्रमण के मामलों में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर जा पहुंचा है. विश्व स्वास्थ संगठन ने भी मंगलवार को ब्राज़ील को लेकर चिंता जताई है और एक नए अध्ययन के आधार पर कहा है कि यहां अगस्त की शुरूआत तक कुल मरने वालों की संख्या 1 लाख 25 हज़ार तक पहुंच सकती है.


मंगलवार को कोरोनावायरस के इस उभार का ठीकरा बोलसोनारो ने राज्यों के गवर्नरों, स्थानीय प्रशासन और मीडिया पर फ़ोड़ दिया था. ऐसे हालातों में देश के विरोधी नेताओं के आवास पर अगर संघीय पुलिस छापे मारती है तो इस तरह की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित ना मानने की कोई वजह नहीं बनती.

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